भोपाल। आंचलिक विज्ञान केंद्र ने 12 से 13 अगस्त तक अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एसएसी), मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (एमसीएफ) और इसरो केंद्र के सहयोग से छात्रों और आम जनता के बीच विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और नई पीढ़ी को विज्ञान के प्रति प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसरो प्रदर्शनी का अनावरण
इस भव्य समारोह की शुरुआत सोमवार को इसरो द्वारा डिजाइन की गई एक प्रदर्शनी के अनावरण के साथ हुई। इस प्रदर्शनी में भारत की स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और अनुसंधान के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में देश की शानदार उपलब्धियों को दर्शाया गया। प्रदर्शनी में चंद्रयान मिशन से लेकर स्वदेशी उपग्रहों के निर्माण और संचालन तक के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से दिखाया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अहमदाबाद के समूह निदेशक मनीष एम. मेहता द्वारा किया गया।
शुभारंभ समारोह में विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिसमें एमसीएफ, भोपाल के समूह निदेशक शेलेंद्र कुमार, एमसीएफ, भोपाल के समूह प्रमुख जावेद एसएआर कुरैशी, नेहरू विज्ञान केंद्र, मुंबई के निदेशक उमेश कुमार और आंचलिक विज्ञान केंद्र, भोपाल के परियोजना समन्वयक साकेत सिंह कौरव शामिल थे। इन सभी ने अपने-अपने वक्तव्यों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया और इसरो की उपलब्धियों की सराहना की।
प्रदर्शनी के अनावरण के बाद, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अहमदाबाद के समूह निदेशक मनीष एम. मेहता के साथ 'चंद्रयान मिशन' पर एक 'वैज्ञानिकों से मिलिए' इंटरैक्टिव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों को भारत के स्वदेशी उपग्रह डिजाइन और संचालन के बारे में जानकारी दी। मेहता ने चंद्रयान मिशन के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और छात्रों के सवालों का जवाब देकर उन्हें विज्ञान के प्रति और अधिक रुचि दिलाई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूक करना और उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना था।
इस कार्यक्रम के तहत कुल तीन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें स्कूली छात्रों के बीच पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, उच्चतर माध्यमिक स्तर के छात्रों के बीच जल रॉकेट्री प्रतियोगिता और डिप्लोमा, बीएससी, बीटेक, बीई छात्रों के बीच रोबोटिक्स मिशन प्रतियोगिता हुई। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य छात्रों के रचनात्मक और तकनीकी कौशल को प्रोत्साहित करना और उन्हें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराना था।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में लगभग 200 छात्रों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने अंतरिक्ष और विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचारों को कला के माध्यम से प्रस्तुत किया। जल रॉकेट्री प्रतियोगिता में कुल 25 टीमों ने भाग लिया, जिसमें छात्रों ने जल रॉकेट के निर्माण और लॉन्चिंग के अपने कौशल का प्रदर्शन किया। वहीं, रोबोटिक्स मिशन प्रतियोगिता में कुल 6 टीमों ने भाग लिया, जिसमें छात्रों ने विभिन्न रोबोटिक मिशनों के लिए अपने डिजाइन और प्रोग्रामिंग कौशल का प्रदर्शन किया।
इन सभी प्रतियोगिताओं के मेधावी प्रतिभागियों को 13 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम के समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान समारोह छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत होगा और उन्हें विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इस अवसर पर विभिन्न विज्ञान और अंतरिक्ष संगठनों के प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, जो छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई देंगे।
नई पीढ़ी को दिखाई दिशा
आंचलिक विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल छात्रों और आम जनता के लिए एक शैक्षणिक अनुभव साबित हुआ, बल्कि भारत की विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में की गई उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया। इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ती है, बल्कि नई पीढ़ी को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित भी किया जाता है। इसरो और आंचलिक विज्ञान केंद्र के इस प्रयास को सराहना मिली और उम्मीद है कि भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन होते रहेंगे।
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