भोपाल। मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट), नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट (भारत सरकार) और मप्र शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा भोपाल के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान और रॉकेट्री के प्रति रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिससे छात्रों को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता और चुनौतियों से अवगत कराया गया।
ट्राइबल वेलफेयर के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में विशेष कार्यक्रम
इस शृंखला के अंतिम चरण में ट्राइबल वेलफेयर के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां शासकीय स्कूल के बच्चों ने रॉकेट लांच और चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति आकर्षण और जिज्ञासा को बढ़ावा देना था।
भारतीय चंद्रयान-3 की उपलब्धियों पर चर्चा
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मेपकास्ट के प्रधान वैज्ञानिक विकास शेन्डे ने भारतीय चंद्रयान-3 कार्यक्रम के महत्व और इसके सफल होने में आई चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस वैश्विक उपलब्धि को सफलतापूर्वक हासिल किया और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया।
चंद्रयान सॉफ्ट लैंडिंग प्रतियोगिता का आयोजन
कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों में से एक, रीजनल साइंस सेंटर के परियोजना समन्वयक साकेत सिंह कौरव ने चंद्रयान-3 और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इसके बाद, शैलेंद्र कसेरा ने बच्चों को सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया को समझने के लिए एक प्रयोगात्मक प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने सामान्य घरेलू वस्तुओं का उपयोग करके चंद्रयान का लैंडर मॉडल डिजाइन किया और उनकी सॉफ्ट लैंडिंग की प्रतिस्पर्धा कराई गई। बच्चों द्वारा बनाए गए लैंडर मॉडलों में से कई ने सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की, जिससे छात्रों में वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता का विकास हुआ।
वाटर रॉकेट की लांचिंग: बच्चों के लिए मुख्य आकर्षण
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वाटर रॉकेट की लांचिंग थी। बच्चों ने खुद अपने हाथों से पानी की बोतल का उपयोग करके रॉकेट बनाए और उन्हें लॉन्च किया। इस गतिविधि ने बच्चों को मॉडल रॉकेट्री को नजदीक से समझने और उसे व्यवहारिक रूप से लागू करने का मौका दिया। इस अनुभव ने बच्चों के भीतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति नई ऊर्जा और उत्साह भर दिया।
पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिता में बच्चों का उत्साह
कार्यक्रम के दौरान भारत की अंतरिक्ष की गौरव गाथा पर पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं ने बच्चों को अपनी कल्पनाशक्ति और लेखन क्षमता को उभारने का मौका दिया। बच्चों ने अंतरिक्ष से जुड़ी विभिन्न कहानियों और चित्रों के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भविष्य में भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और भी आगे बढ़ने वाला है।
विजेता छात्रों का मुख्य कार्यक्रम में होगा सम्मान
इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजन 21 अगस्त को मेपकास्ट में होगा, जहां विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। इस आयोजन में देशभर से वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान की नई दिशाओं और संभावनाओं से अवगत कराएंगे। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्रोत होगा और उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने करियर को आकार देने में मदद करेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति बढ़ी जागरूकता
भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम ने छात्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति नई जागरूकता और रुचि का संचार किया है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के इस सफल आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया है कि देश के भविष्य के वैज्ञानिक और इंजीनियर हमारे विद्यालयों में ही तैयार हो रहे हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नई दिशाओं में सोचने और अपने विचारों को व्यवहारिक रूप में उतारने का अवसर मिलता है, जो न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए बल्कि देश के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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