सोयाबीन

सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपये प्रति क्विंटल तय, किसानों के चेहरे खिले

प्रदेश में जल्द ही समर्थन मूल्य पर सोयाबीन का होगा उपार्जन

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जो प्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए राहत और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने सोयाबीन के समर्थन मूल्य में वृद्धि के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब सोयाबीन का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 4892 रुपये निर्धारित किया गया है। इस निर्णय से प्रदेश के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, जो सोयाबीन के मूल्य को लेकर चिंतित थे।

केंद्र सरकार ने बढ़ाया समर्थन मूल्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने हमेशा से किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और इस निर्णय के साथ यह एक बार फिर साबित हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार ने सोयाबीन के समर्थन मूल्य में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस निर्णय से प्रदेश के अन्नदाता किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा यह निर्णय न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि उनकी दशा और दिशा में भी सुधार लाएगा। सोयाबीन उत्पादन करने वाले किसानों के लिए यह एक बड़ी राहत है, जो काफी समय से मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे थे।

पहली बार होगा समर्थन मूल्य पर सोयाबीन उपार्जन

मध्य प्रदेश में पहली बार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन का उपार्जन किया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो राज्य के किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। केंद्र सरकार ने खरीफ 2024-25 के लिए सोयाबीन उपार्जन की अनुमति प्रदान कर दी है, जिससे प्रदेश के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

उपार्जन की तारीख जल्द ही तय की जाएगी और निर्धारित तारीख से 90 दिनों तक उपार्जन किया जाएगा। पंजीकृत किसानों से ही समर्थन मूल्य पर सोयाबीन का उपार्जन किया जाएगा, ताकि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जा सके।

उपार्जन की प्रक्रिया और भुगतान प्रणाली

सोयाबीन का उपार्जन भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) द्वारा किया जाएगा। उपार्जन की प्रक्रिया निर्धारित मानकों (FAQ) के आधार पर की जाएगी, ताकि उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद ही उपार्जित हो सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि उपार्जन के तीन दिन के भीतर किसानों के बैंक खातों में भुगतान कर दिया जाएगा। यह कदम किसानों को समय पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि वे अपनी खेती से जुड़ी अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और किसी भी तरह की वित्तीय समस्याओं का सामना न करना पड़े।

किसानों के लिए आर्थिक स्थिरता की ओर एक बड़ा कदम

इस फैसले से प्रदेश के लाखों सोयाबीन किसान लाभान्वित होंगे, जो कि राज्य के मुख्य कृषि उत्पादकों में से एक हैं। समर्थन मूल्य में वृद्धि से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह कदम राज्य के किसानों के लिए आर्थिक स्थिरता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उनकी आर्थिक दशा में सकारात्मक बदलाव आएगा।

इस निर्णय के बाद किसानों में उत्साह का माहौल है, क्योंकि यह निर्णय उनके भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें एक स्थिर आय प्रदान करने में सहायक होगा। सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यह निर्णय इस क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगा।

किसानों के हित में लिया गया निर्णय 

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य के किसानों के हित में लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र को भी मजबूत बनाएगा। सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपये प्रति क्विंटल करने और पहली बार समर्थन मूल्य पर उपार्जन की योजना से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह निर्णय किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और राज्य के कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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