भोपाल। झीलों की नगरी भोपाल को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने के उद्देश्य से स्वच्छता किटी समूह ने एक अनूठी पहल की है। सोमवार को बिट्टन मार्केट स्थित हाट बाजार में समूह द्वारा कपड़े के बैग वितरित किए गए। इस अभियान की शुरुआत महापौर मालती राय की उपस्थिति में की गई, जहां उन्होंने हाट में आए नागरिकों को कपड़े के बैग बांटकर लोगों को प्लास्टिक के उपयोग को छोड़ने का संदेश दिया।
बैग वितरण का उद्देश्य
स्वच्छता किटी समूह की प्रमुख सदस्य रुचिका सचदेवा ने बताया कि यह पहल भोपाल को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए है। प्लास्टिक पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है और इसके उपयोग से मानव जीवन, पशु और प्राकृतिक संसाधनों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, यह प्रयास किया गया कि नागरिकों को कपड़े के बैग दिए जाएं ताकि वे प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग करना बंद करें।
रुचिका ने आगे बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि लोग बाजार जाते समय अपने साथ कपड़े के बैग ले जाएं और प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बंद करें। इस संदेश को फैलाने के लिए समूह ने शहर के विभिन्न हिस्सों में कपड़े के बैग बांटने की योजना बनाई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पहल का हिस्सा बन सकें।
टीम की सदस्य समता अग्रवाल ने बताया कि बैग वितरित करते समय एक विशेष स्लोगन का इस्तेमाल किया गया – एक बड़े थैले में आठ-दस छोटे थैले लेकर आएं बाजार" इस स्लोगन का उद्देश्य लोगों को इस बात के प्रति जागरूक करना है कि अगर वे एक बड़े थैले में कई छोटे थैले लेकर बाजार आएंगे, तो उन्हें बार-बार प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह एक सरल और प्रभावी उपाय है जो प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग को कम करने में मदद करेगा।
स्वच्छता किटी समूह ने एक लाख कपड़े के बैग को एकत्र कर उन्हें वितरित करने का लक्ष्य रखा है। टीम की सदस्य अल्पना गुप्ता ने बताया कि ये बैग शहर के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों से एकत्र किए गए हैं और यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी बैग पुन: उपयोग योग्य हों। इस प्रकार न केवल प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग को कम करने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि पुन: उपयोग के माध्यम से एक स्थायी समाधान भी प्रस्तुत किया जा रहा है।
महापौर मालती राय ने इस अभियान का समर्थन करते हुए शहर के सभी नागरिकों और व्यवसायियों से अपील की है कि वे प्लास्टिक का उपयोग बंद करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह मानव जीवन और पशुओं के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। प्लास्टिक के कारण भूमि, जल और वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे हमारे प्राकृतिक संसाधन प्रभावित हो रहे हैं।
महापौर ने दुकानदारों से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे अपने ग्राहकों को प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भोपाल देश का सबसे स्वच्छ शहर बने और प्लास्टिक मुक्त हो। इसके लिए सभी नागरिकों को एकजुट होकर काम करना होगा।
महापौर मालती राय ने बाजार की दुकानों का दौरा कर व्यापारियों और नागरिकों को प्लास्टिक से होने वाले खतरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रभाव कितना गंभीर हो सकता है। प्लास्टिक के कचरे के कारण न केवल जमीन की उर्वरता कम होती है, बल्कि जल स्रोत भी दूषित होते हैं। इसके अलावा जब प्लास्टिक जानवरों द्वारा गलती से खा लिया जाता है, तो यह उनकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है।
प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग के कारण मानव जीवन भी प्रभावित हो रहा है। प्लास्टिक के जलने से निकलने वाले धुएं में जहरीले रसायन होते हैं जो सांस की बीमारियों का कारण बनते हैं। साथ ही जब प्लास्टिक पानी में बहाया जाता है, तो यह जल संसाधनों को दूषित करता है, जिससे पानी पीने लायक नहीं रहता।
महापौर ने हाट बाजार के नागरिकों से आग्रह किया कि वे प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से बंद करें और स्वच्छता के इस अभियान में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि भोपाल को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। यह न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
इस अभियान की सफलता के लिए सामुदायिक सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। महापौर ने कहा कि नागरिकों, व्यापारियों और प्रशासन को एकजुट होकर काम करना होगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो। इस अभियान के तहत शहर के अन्य बाजारों और क्षेत्रों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
स्वच्छता किटी समूह की यह पहल निश्चित रूप से एक बड़ा कदम है, जो भोपाल को प्लास्टिक मुक्त और स्वच्छ बनाने की दिशा में मदद करेगी।
इस प्रकार के अभियानों से न केवल नागरिकों में जागरूकता बढ़ती है, बल्कि उनके व्यवहार में भी बदलाव आता है। महापौर की पहल और स्वच्छता किटी समूह के इस प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में भोपाल के नागरिक प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैलों का उपयोग करना शुरू करेंगे और यह शहर जल्द ही प्लास्टिक मुक्त हो सकेगा।
इस मुहिम से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे भोपाल देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ेगा।
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