भोपाल। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने सीएसआईआर प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने विज्ञान को स्वभाषा में समझने और प्रसारित करने की महत्ता पर बल दिया। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए भी फायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी में विज्ञान के प्रसार से विज्ञान की जटिलताओं को सरलता से समझा जा सकेगा और यह विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार हिंदी भाषा में विज्ञान शिक्षा और संप्रेषण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो निश्चित रूप से विज्ञान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा और हिंदी भाषा के माध्यम से विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाएगा।
विज्ञान को स्वभाषा में समझने की सरलता
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान को स्वभाषा में समझना सरल होता है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में मध्य प्रदेश ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में आरंभ की है। उनका मानना है कि हिंदी में विज्ञान के संप्रेषण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक स्तर पर वातावरण निर्मित करना आवश्यक है।
कार्यक्रम का शुभारंभ और प्रकाशन का विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने एम्प्री के अर्धवार्षिक प्रकाशन अनुसंधान संदेश और राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 की स्मारिका का विमोचन भी किया। इन प्रकाशनों का उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधानों और खोजों को हिंदी भाषा में प्रस्तुत करना है ताकि वे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकें।
योग का प्रदर्शन और सम्मान
इस अवसर पर राष्ट्रीय योग खिलाड़ी शुभम शर्मा ने योग के विभिन्न आसनों का प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन ने उपस्थित जनसमुदाय को योग के महत्व और उसकी शक्ति के बारे में जागरूक किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कवि, साहित्यकार और शिक्षाविद डॉ. संतोष चौबे को आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान संवर्धन सम्मान से सम्मानित किया। डॉ. चौबे को यह सम्मान विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान और हिंदी में विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए दिया गया है।
हिंदी में विज्ञान शिक्षा का महत्त्व
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि हिंदी में विज्ञान शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि स्वभाषा में शिक्षा से छात्रों की समझ और रुचि में वृद्धि होती है, जिससे वे बेहतर तरीके से ज्ञान अर्जित कर पाते हैं। इसके अलावा यह छात्रों को अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में भी सहायक होता है।
सम्मेलन का उद्देश्य
राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का उद्देश्य विज्ञान को सरल और सुलभ बनाना है। इसके माध्यम से विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को हिंदी भाषा में प्रस्तुत कर छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित करना है। सम्मेलन में विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे और चर्चाएं आयोजित की जाएंगी जिससे हिंदी में विज्ञान के प्रचार-प्रसार को बल मिलेगा।
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