भोपाल । साहित्य अकादमी नई दिल्ली के तत्वावधान में रविवार शाम को भोपाल के सावन नगर हलालपुरा स्थित एक निजी होटल के सभाकक्ष में भव्य सिंधी साहित्य मंच का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्थानीय और संत हिरदाराम नगर के अनेक रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं का मन मोहा। कार्यक्रम का संचालन राकेश शेवानी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत सिंधी रचनाकार हर्षा मूलचंदानी की कविता जिंदगी एक कैनवास... से हुई। उनकी इस कविता ने जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया और श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही हर्षा ने एक गजल भी प्रस्तुत की जिसने माहौल को और भी रंगीन बना दिया।
स्त्री के जीवन की तकलीफों को सुनकर भावुक हुए श्रोता
समीक्षा लछवानी ने शिशुवती शीर्षक की कविता प्रस्तुत की जिसमें एक स्त्री के जीवन की तकलीफों और संघर्षों को मार्मिक अभिव्यक्ति दी गई। इस कविता ने श्रोताओं को भावुक कर दिया और उनकी प्रशंसा प्राप्त की। राकेश शेवानी ने मां शीर्षक की कहानी सुनाई जो मां की ममता और त्याग को समर्पित थी। उनकी इस रचना ने सभी को उनकी मां की याद दिला दी और सभागार में भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा। वरिष्ठ कवयित्री भारती आसुदानी ने आंखें सावन और वीरानी शीर्षक की रचनाएं पढ़ी। उनकी सावन कविता ने प्राकृतिक सौंदर्य का बखान किया और श्रोताओं को मानसून की सुगंध महसूस कराई।
इन्होंने ने बढ़ाई कार्यक्रम की शोभा
साहित्य अकादमी के सिंधी भाषा के परामर्श मंडल के सदस्य अशोक मनवानी ने स्वागत वक्तव्य दिया। उन्होंने साहित्य मंच के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला और उपस्थित रचनाकारों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आसूदो लछवानी, साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त लेखक खीमन मूलानी, नारी लछवानी, कन्हैया मूलचंदानी, रवि उधवानी, कन्हैया मोटवानी, परसो नाथानी और रंगमंच निर्देशक अशोक बुलानी शामिल थे। सभी ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
भक्ति गीत सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोतागण
तन्मय वासवानी ने अपने भक्ति गीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी मधुर आवाज और भक्ति भावना ने सभी का मन जीत लिया। अंत में आनंद सबधानी ने सभी उपस्थित रचनाकारों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। इस साहित्य मंच ने न केवल स्थानीय रचनाकारों को एक मंच प्रदान किया बल्कि श्रोताओं को भी साहित्य की विविधता और सुंदरता का अनुभव कराया। इस प्रकार के आयोजनों से साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है और नए रचनाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होता है। साहित्य अकादमी के इस प्रयास की सराहना करते हुए सभी ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा।
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