भोपाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में 'हर घर तिरंगा' अभियान 2024 का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन में तिरंगा रैली, रंगोली कार्यशाला, सावन महोत्सव और भारत के शैलचित्र पर एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से संग्रहालय ने राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक धरोहर और लोक संस्कृति को जनमानस के समक्ष प्रस्तुत किया।
'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण तिरंगा रैली रही। संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे ने कांगला प्रवेश द्वार से तिरंगा रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली संग्रहालय के मुक्ताकाश प्रदर्शनी स्थित कांगला प्रवेश द्वार से शुरू होकर वोट क्लब तक गई और फिर संग्रहालय कैंपस पर समाप्त हुई। लगभग 4 कि.मी लंबी इस तिरंगा यात्रा में संग्रहालय के सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और दर्शक शामिल थे।
रैली के दौरान प्रतिभागियों ने जोशमय देशभक्ति के नारों जैसे "वंदे मातरम्", "भारत माता की जय", और "हर घर तिरंगा" के साथ माहौल को गूंजायमान कर दिया। पूरे वातावरण में देशभक्ति गीतों और संगीत की ध्वनि गूंज रही थी, जिससे सभी उपस्थित लोगों के दिलों में राष्ट्रप्रेम का संचार हुआ। तिरंगा रैली का उद्देश्य हर नागरिक को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करना और राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के प्रति जागरूकता फैलाना था।
रैली के समापन के बाद संग्रहालय में रंगोली कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कलाकारों और प्रतिभागियों ने तिरंगे के रंगों का उपयोग करके सुंदर रंगोलियां बनाई। निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे ने कार्यशाला का अवलोकन किया और उपस्थित लोगों को 'हर घर तिरंगा' अभियान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने उद्बोधन में राष्ट्र की एकता और अखंडता के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्र रक्षा के लिए प्रेरित किया।
निदेशक ने सेना के जवानों और खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए तिरंगे की अक्षुण्णता और रक्षा का संकल्प दिलाया और सभी को 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि कैसे तिरंगा हमारी राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है और इसके प्रति हमारी जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय द्वारा 17 और 18 अगस्त को "सावन महोत्सव 2024" का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव संग्रहालय के वीथी संकुल परिसर में दोपहर 12 बजे से शुरू होगा। सावन महोत्सव का मुख्य उद्देश्य बघेली लोकसंस्कृति को जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करना है। इस आयोजन में लोक रंग समिति, सतना द्वारा बघेली लोकगीतों और नृत्यों की अद्भुत प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
सावन महोत्सव भारतीय संस्कृति और परंपराओं के सम्मान का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें बघेली संस्कृति की विशिष्टता और विविधता को उजागर किया जाएगा। बघेली लोकगीत और नृत्य भारतीय लोकसंस्कृति के महत्वपूर्ण अंग हैं, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखते हैं। इस उत्सव में शामिल होने के लिए संग्रहालय की ओर से सभी को सादर आमंत्रित किया गया है।
भारत के शैलचित्र पर प्रदर्शनी
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल के सहयोग से 16 अगस्त को "भारत के शैलचित्र" पर एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी संग्रहालय के वीथीशंकुल अंतरंग प्रदर्शनी भवन में शाम 4 बजे से शुरू हुई। प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना था।
शैलचित्र या रॉक पेंटिंग्स मानवता के लिए एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के रूप में मानी जाती हैं, जो हमें शिकार की विधियों, स्थानीय समुदायों के जीवन जीने के तरीकों और उनकी सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं। ये चित्रकला न केवल हमारे पूर्वजों के जीवन को दर्शाती हैं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी एक मूल्यवान धरोहर हैं।
इस प्रदर्शनी में दर्शाए गए शैलचित्र न केवल भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं, बल्कि वैश्विक समुदायों को भी इन सांस्कृतिक परंपराओं के महत्व को समझने में मदद करते हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शकों को उन विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं के उद्गम और बनाए गए परिदृश्यों को पहचानने का अवसर मिला, जो हमारे देश की विविधता और समृद्धि का प्रतीक हैं।
राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति कराया गर्व महसूस
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित इन कार्यक्रमों ने राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक धरोहर और लोकसंस्कृति को जनमानस के समक्ष लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। 'हर घर तिरंगा' अभियान, सावन महोत्सव और शैलचित्र प्रदर्शनी जैसे आयोजनों के माध्यम से संग्रहालय ने न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का कार्य किया, बल्कि इसे नई पीढ़ी के बीच भी प्रसारित किया। इस प्रकार के आयोजन हमारी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
संग्रहालय ने इन आयोजनों के माध्यम से सभी को एक साथ आने और अपने राष्ट्र और उसकी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान किया। इस प्रकार के आयोजन हमारे समाज में एकता और अखंडता को बढ़ावा देते हैं और हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं।
Subscribe to our newsletter for daily updates and stay informed
© indianewsvista.in. All Rights Reserved.