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पश्चिम बंगाल में महिला चिकित्सक की हत्या के विरोध में भाजपा महिला मोर्चा की महिलाओं ने निकाला मौन कैंडल मार्च

ममता बनर्जी के राज में महिला सुरक्षित नहीं, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

भोपाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भोपाल जिला महिला मोर्चा ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता और हत्या के खिलाफ मौन कैंडल मार्च निकाला। यह विरोध प्रदर्शन भोपाल के सात नंबर चौराहा से बीडीए मार्केट तिराहा तक आयोजित किया गया। इस कैंडल मार्च का नेतृत्व जिला अध्यक्ष वंदना जाचक ने किया, जिसमें भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता और महिला मोर्चा की पदाधिकारी भी शामिल हुईं।

कैंडल मार्च में पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह जादौन, महापौर मालती राय और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा सहित कई अन्य महत्वपूर्ण महिला नेता शामिल हुईं। इस मौके पर उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठाए।


महिला चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता की निंदा

प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह जादौन ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया और कहा कि ममता बनर्जी की सरकार में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा महिला चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता और हत्या को लेकर ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। श्रीमती जादौन ने मांग की कि ममता बनर्जी की सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

कठोर कदम उठाने पर दिया जोर 

जिला अध्यक्ष वंदना जाचक ने कहा कि कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ हुई नृशंस हत्या से पूरा देश आक्रोशित है। उन्होंने कहा यह पहली बार नहीं है कि बंगाल की राजनीति में अपराधियों को संरक्षण दिया गया है। कोलकाता की इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि इंडी गठबंधन के लोग अपराधियों का समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा महिला मोर्चा पूरे देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा और इस घटना की निंदा करता रहेगा। उन्होंने जोर दिया कि इस तरह की घटनाएं कहीं भी हो, वे निंदनीय हैं और उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

निष्पक्ष जांच की मांग 

महापौर मालती राय ने ममता सरकार के रवैये को शर्मनाक बताया और कहा कि पीड़ित महिला चिकित्सक के माता-पिता को आत्महत्या की कहानी सुनाई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार सबूत नष्ट करने और आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। उस बिल्डिंग में अचानक रिनोवेशन का काम शुरू कर दिया गया, जिसमें यह बर्बर घटना हुई थी। टीएमसी के लोग हुड़दंग मचा रहे हैं और सर्वर रूम पर हमला करके सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर हटाने की कोशिश की गई। महापौर ने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।


सीबीआई जांच की मांग

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा ने भी इस घटना को बेहद शर्मनाक बताया और ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा एक महिला होते हुए ममता बनर्जी दूसरी महिलाओं पर अत्याचार होने दे रही हैं। उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए। बग्गा ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन में अन्य महिला कार्यकर्ताओं की भागीदारी

मौन कैंडल मार्च में जिला महिला मोर्चा की वंदना परिहार, सुषमा चौहान, कामाक्षी विश्वकर्मा, शशि सिन्हो, रुक्मणी मालवी, निधि चौरसिया, मोनिका अग्रवाल, राखी शर्मा, विपिन द्विवेदी, सुषमा कुलश्रेष्ठ, नीतू सिंह राजपूत, सुधा सिंह, लक्ष्मी ठाकुर, साधना यादव, विमल सिंह रैकवार, मंजू रघुवंशी, पूर्णिमा उपाध्याय, कविता अनुरागी, सुमन सिंह, माया यादव, पार्षद जोन अध्यक्ष आरती अनेजा, लक्ष्मी विजयलक्ष्मी, कौशल्या रजक, राम शमा सहित जिले की अन्य पदाधिकारी और मंडल अध्यक्ष भी शामिल हुईं।

इस कैंडल मार्च के जरिए भाजपा महिला मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की और न्याय की मांग की। इस तरह के विरोध प्रदर्शन देशभर में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता फैलाने के लिए आवश्यक हैं। 

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