भोपाल। प्रसिद्ध गायिका और महान कलाकार मोहम्मद रफी की 44वीं पुण्यतिथि के अवसर पर नवांकुर द्वारा आयोजित एक शाम रफी के नाम कार्यक्रम का आयोजन रवींद्र भवन के हंसध्वनी सभागृह में किया गया। 1500 सीटों वाले इस सभागार में संगीत प्रेमियों की भीड़ उमड़ी और यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। इस आयोजन में देशभर से आए मशहूर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में रफी साहब को तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे ... गीत गाकर श्रद्धांजलि दी गई। इस कार्यक्रम का प्रायोजन ड्यूरोप्लाई द्वारा किया गया था। नवांकुर द्वारा वर्ष 1983 से लगातार रफी साहब की पुण्यतिथि पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है। नवांकुर नवीन कलाकारों को अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से लगातार नए और होनहार गायकों की खोज कर उन्हें मंच प्रदान करने का कार्य कर रहा है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल नए कलाकारों को मंच मिलता है बल्कि रफी साहब की यादें और उनकी अमर धरोहर भी सजीव रहती हैं।
मशहूर कलाकारों की अद्वितीय प्रस्तुति
कार्यक्रम में देश की मशहूर रफी वॉइस इमरान अख्तर, कोलकाता से प्रवीण कुमार, जामनगर गुजरात से और ममता राजपूत ने मुंबई से आकर अपनी प्रस्तुति दी। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर सितार वादक जुबेर शेख इस कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम की शुरुआत रफी साहब द्वारा गाए गए भजन जय रघुनंदन जय सियाराम... से हुई और उसके बाद कलाकारों ने रफी साहब के कई अन्य विधाओं के गीत गाए।
सितार की धुन पर मदहोश करती प्रस्तुतियां
इमरान अख्तर ने सितार पर आधारित गीत मधुबन में राधिका नाचे रे ... प्रस्तुत किया और उनके साथ कुहू-कुहू बोले कोयलिया में पश्चिम जोशी ने संगत की। सुप्रसिद्ध कोरस गीत पर्वत के उस पार ... को प्रवीण कुमार और ममता राजपूत ने बखूबी गाया। भोपाल के अनिरुद्ध सक्सैना ने राग भैरवी पर आधारित गीत नो मन मोरा प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी।
नए होनहार कलाकारों का मंच
हाल ही में इंडियन आइडल से गोल्डन माइक प्राप्त कर चुकी भोपाल की श्रीजा उपाध्याय और देश के सुप्रसिद्ध खजाना गजल फेस्टिवल में चयनित भोपाल की पलछिन जोशी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को विशेष बना दिया। होनहार गायिका उपासना सारंग त्यागी और मीनाक्षी खरे ने युगल गायन में बहुत अच्छा साथ निभाया। कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी मशहूर उद्घोषक आशीष दवे ने बखूबी निभाई।
विविध शैलियों में रफी साहब के गीतों का प्रस्तुतिकरण
कार्यक्रम के दौरान सभी कलाकारों ने रफी साहब के द्वारा गाए गए विभिन्न शैलियों के गीतों जैसे शास्त्रीय रागों पर आधारित गीत, कव्वाली, भजन और रोमांटिक एवं फास्ट गीतों को परफॉर्म किया। इमरान अख्तर द्वारा गाई गई कव्वाली ये माना मेरी जां... ने खूब तालियां बटोरी। ममता राजपूत ने भी एक से बढ़कर एक गीत सुनाए और सभी कलाकारों के साथ युगल गीत गाए।
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