भोपाल। हमारा मधुवन मानव सेवा एक संकल्प संगठन के तत्वावधान में द लाइव म्युजिकल नाइट कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर गायकों ने एक से बढ़कर एक सदाबहार गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम ने दर्शकों को एक संगीतमय और सजीव अनुभव का एहसास कराया। यह आयोजन भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और मालाबार गोल्ड के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर संगीत प्रेमियों ने हिंदी फिल्म संगीत की अनमोल धुनों का आनंद उठाया। कार्यक्रम का संयोजन सारिका सप्रे द्वारा किया गया, जिन्होंने इसे एक भव्य और मनमोहक सांस्कृतिक आयोजन बनाया।
कार्यक्रम का प्रारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन और गणपति वंदना से किया गया, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं की सुंदर झलक प्रस्तुत करता है। उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसके बाद गणपति वंदना के साथ संगीतमय शाम की शुरुआत हुई। इस शुभ अवसर पर मालाबार गोल्ड की भारती पवार और एलआईसी के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इस आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम में एक के बाद एक बेहतरीन प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें स्थानीय और उभरते हुए कलाकारों ने अपनी कला से दर्शकों का दिल जीत लिया। डॉ. कपूर द्वारा प्रस्तुत पहला गीत 'डम डम डिगा' ने पूरे सभागार में संगीतमय उत्साह की लहर दौड़ा दी। इसके बाद शिवानी ने अपनी मधुर आवाज में 'बाहों में चले आओ' प्रस्तुत किया, जो श्रोताओं को पुराने हिंदी फिल्मी गीतों की यादों में ले गया।
रजनी की प्रस्तुति 'मुझे कितना प्यार है तुमसे' ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया, जबकि हर्षा और संजय ने 'टिप टिप बरसा पानी' गाकर कार्यक्रम में रोमांटिक रंग भर दिया। ज्योत्सना द्वारा गाए गए गीत 'आगे भी जाने ना तू' ने सबको अपनी ओर आकर्षित किया। सुधीर बापट की प्रस्तुति 'एक हसीं शाम को' ने एक विशेष संगीतमय अनुभव दिया, जबकि अभय बापट ने 'भंवरे की गुंजन' से माहौल को और भी जीवंत बना दिया।
नैना की प्रस्तुति 'आओ हुजूर तुमको' और मधुसूदन द्वारा गाया गया 'गुलाबी आंखें' श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने वाले गीतों में शामिल रहे। भूषण द्वारा 'अकेला गया था मैं' और राज की प्रस्तुति 'मायरी' ने दर्शकों को सुरों की एक नई दुनिया में ले गया। पल्लवी ने 'ऐसा समा न होता' के साथ इस संगीतमय सफर को आगे बढ़ाया, जबकि उबेजा ने 'ये चांद सा रोशन चेहरा' गाकर सभी का दिल जीत लिया।
रजनी द्वारा प्रस्तुत 'हवा के झोंके आज' और मोमिता की प्रस्तुति 'दिल में तुझे बिठा के' ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया। मीना बापट ने 'नैनों में बदरा छाए' के साथ अपनी गायकी का जादू बिखेरा, जबकि मिलिंद ने 'सांसों की जरूरत है जैसे' गाकर सबको प्रभावित किया। हर्षा ने 'प्यार करने वाले' गीत से श्रोताओं को फिर से संगीत की लहरों में बहा दिया।
नेहा और विजय की प्रस्तुति 'बेकरार दिल' और सुनयना का 'रात का समा' ने दर्शकों की वाहवाही लूटी और इस म्यूजिकल नाइट को एक नए शिखर पर पहुंचाया। हर गीत ने न केवल श्रोताओं को आनंदित किया, बल्कि उन्हें बीते जमाने की यादों में भी ले गया, जो इस आयोजन की खास बात रही।
मधुवन मानव सेवा संगठन के इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज सेवा के साथ-साथ कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करना है। यह संगठन विभिन्न सामाजिक कार्यों और जनसेवा के लिए जाना जाता है और 'द लाइव म्युजिकल नाईट' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करता है।
कार्यक्रम की संयोजक सारिका सप्रे ने बताया कि इस आयोजन को सफल बनाने में एलआईसी और मालाबार गोल्ड का विशेष योगदान रहा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से न केवल समाज के प्रति लोगों की जिम्मेदारी बढ़ती है, बल्कि युवा कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। इस आयोजन ने स्थानीय कलाकारों को एक मंच प्रदान किया, जहां वे अपनी कला से सभी को प्रभावित कर सके।
मधुवन मानव सेवा संगठन हमेशा से समाज में कला, संस्कृति और शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए सक्रिय रहा है। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में सकारात्मकता लाने और लोगों को एक साथ जोड़ने का माध्यम बनते हैं। 'द लाइव म्युजिकल नाईट' का आयोजन इसी सोच के तहत किया गया, जहां संगीत के माध्यम से लोगों को जोड़ने और समाज सेवा के महत्व को उजागर किया गया।
कार्यक्रम के अंत में दर्शकों ने अपनी खुशी और संतुष्टि जाहिर की। श्रोताओं ने न केवल संगीत का आनंद लिया, बल्कि इस आयोजन की भव्यता और प्रस्तुतियों की गुणवत्ता की भी भरपूर सराहना की। कई दर्शकों ने इसे एक यादगार शाम बताया और कलाकारों की प्रतिभा को खुलकर सराहा।
'द लाइव म्युजिकल नाईट' मधुवन मानव सेवा संगठन के सफल आयोजनों में से एक रहा, जिसने संगीतमय वातावरण और समाज सेवा के संदेश के साथ लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया। यह आयोजन न केवल संगीत प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन अनुभव था, बल्कि समाज सेवा के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
आयोजकों ने इस आयोजन की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए भविष्य में और भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की उम्मीद जताई, जो समाज को सृजनात्मक और सकारात्मक दिशा में प्रेरित करें।
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