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साउथ वेस्टर्न मूवमेंट भोपाल बायपास को बचाने उतरे पर्यावरणविद और भोपालवासी

वेस्टर्न मूव्मेंट जागरूकता, भोपाल बायपास संचालन समिति के तत्वावधान में बोट क्लब पर बड़े तालाब को बचाने के लिए रविवार को पर्यावरण प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक हुए एकत्रित

भाेपाल। राजधानी के ऐतिहासिक और पर्यावरणीय धरोहर माने जाने वाले बड़े तालाब को बचाने के लिए रविवार को शहर के पर्यावरण प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिकों ने बोट क्लब पर एकत्रित होकर 'बड़ा तालाब बचाओ अभियान' के तहत जागरूकता और चिंतन कार्यक्रम आयोजित किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के साथ-साथ भोपाल के जल, जंगल और जमीन को संरक्षित करना है। इस आयोजन में हर वर्ग के लोग उपस्थित रहे, जिनमें पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता और सभी राजनीतिक दलों के सदस्य भी शामिल हुए, हालांकि यह अभियान पूरी तरह से गैर-राजनीतिक रहा।

संतुलित विकास की मांग

इस अभियान की एक प्रमुख चिंता बड़े तालाब के आसपास अतिक्रमण और निर्माण कार्यों से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान की है। भोपाल के बड़े तालाब के समानांतर सड़क निर्माण की योजना, जो मंडीदीप की ओर से प्रस्तावित है, ने पर्यावरण प्रेमियों को चिंतित कर दिया है। इस सड़क निर्माण से न केवल तालाब, बल्कि इसके आस-पास के जंगल, वन्यजीव, बाघ, पक्षी और जैव विविधता को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है।

कार्यक्रम के दौरान, सभी उपस्थित व्यक्तियों ने एक ही स्वर में कहा कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, परन्तु विकास ऐसा होना चाहिए जो पर्यावरण के अनुकूल और संतुलित हो। बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए, एक ऐसा मॉडल अपनाया जाना चाहिए जिसमें प्रकृति और विकास के बीच संतुलन बना रहे। इस कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर राजीव जैन ने बताया कि यह आयोजन केवल एक बैठक भर नहीं था, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण चिंतन और योजना बनाने का अवसर था। 


जन जागरूकता और अभियान की योजना

कार्यक्रम में उपस्थित हजारों लोगों ने बड़े तालाब और भोपाल के पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया। भविष्य में इस अभियान को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने की योजना बनाई गई है। अगला कार्यक्रम 22 सितंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें रोशनपुरा चौराहे से पैदल मार्च निकालकर शीतलदास की बगिया तक जाया जाएगा। इस मार्च का उद्देश्य शहर के हर नागरिक तक यह संदेश पहुंचाना है कि भोपाल का बड़ा तालाब न केवल शहर की पहचान है, बल्कि इसका संरक्षण सभी की जिम्मेदारी है।

इसके अलावा, पूरे शहर के प्रमुख चौराहों पर स्लोगन और बैनर के माध्यम से जन जागरूकता का संदेश दिया जाएगा। इस अभियान के तहत शहरवासियों को जागरूक किया जाएगा कि कैसे बड़े तालाब के संरक्षण से शहर की जैव विविधता, जलस्तर और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखा जा सकता है।

प्रमुख व्यक्तियों का समर्थन

इस अभियान में भोपाल के पूर्व मंत्री और संचालक समिति के सदस्य दीपक जोशी ने प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बड़ा तालाब भोपाल की शान है और इसे बचाना हम सबका कर्तव्य है। जोशी ने सभी उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि वे मिलकर इस प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए संगठित प्रयास करें।

पूर्व महापौर दीपचंद यादव, पर्यावरणविद प्रभाष जेटली और समाजसेवी साजिद अली जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और बड़े तालाब के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। इनके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से आए पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस अभियान में शामिल हुए, जिनमें करुणा रघुवंशी, आनंद पटेल, विवेक सक्सेना और नितिन डागा जैसे नाम शामिल हैं।

सामूहिक संकल्प और नारे

कार्यक्रम के समापन पर पर्यावरणविद शरद सिंह कुमरे ने सभी का आभार व्यक्त किया और सभी उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई कि वे भोपाल के बड़े तालाब और पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इसके बाद सभी ने एकजुट होकर नारे लगाए, जिनमें से कुछ प्रमुख नारे थे। - हमारे भोपाल की शान है, बड़ा तालाब

- तालाब का संरक्षण, हम करेंगे, हम करेंगे 

- साउथ वेस्टर्न बायपास पर रोक लगवाना है, बड़े तालाब को बचाना है 

इन नारों ने पूरे कार्यक्रम में एकजुटता और उत्साह का माहौल बना दिया और यह स्पष्ट हो गया कि भोपाल के नागरिक अपने शहर के पर्यावरण को लेकर कितने जागरूक और संवेदनशील हैं।

आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

बड़ा तालाब, जो न केवल भोपाल की प्राकृतिक धरोहर है, बल्कि शहर के जल स्रोत और जैव विविधता का भी प्रमुख आधार है, उसे संरक्षित करना हम सबका कर्तव्य है। बिना तालाब के संरक्षण के शहर की जलस्तर में गिरावट आएगी और इसके साथ ही वन्यजीवों और पक्षियों की प्रजातियों का जीवन भी संकट में आ जाएगा।

जनांदोलन की शुरुआत 

भोपाल के पर्यावरण प्रेमियों का यह अभियान केवल एक जागरूकता कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक बड़े जनांदोलन की शुरुआत है। भोपाल का बड़ा तालाब और उसके आसपास का पर्यावरण शहर की पहचान हैं और इसे बचाने के लिए सभी का योगदान आवश्यक है। इस प्रकार के सामूहिक प्रयास से ही हम अपने शहर के जल, जंगल और जमीन को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित कर सकते हैं।

22 सितंबर को आयोजित होने वाले पैदल मार्च और उसके बाद की योजनाओं से यह स्पष्ट है कि यह अभियान चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ेगा और इसका उद्देश्य बड़े तालाब के संरक्षण के लिए जन जागरूकता और ठोस कदम उठाना है।

बड़ा तालाब बचाओ अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है और इस प्रकार के जन जागरूकता अभियान से निश्चित रूप से भोपाल के नागरिक अपने शहर की इस अमूल्य धरोहर को संरक्षित करने में सफल होंगे।

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