भोपाल। पूर्वोत्तर भारत में शिक्षा और कौशल विकास को गति देने के उद्देश्य से, भारत के अग्रणी सामाजिक उद्यम आईसेक्ट ने गुवाहाटी के होटल कामरूपा में एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया। इस आयोजन में नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं और सामाजिक उद्यमियों को एक मंच पर लाया गया, ताकि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान खोजा जा सके और आर्थिक विकास को सशक्त किया जा सके।
सम्मेलन का उद्घाटन
सम्मेलन का उद्घाटन असम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भाबेश कलिता ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कौशल विकास को रोजगार सृजन और सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख साधन बताया। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं, जिनमें बीके सिंघा (निदेशक, आरडीएसडीई), हनीफ नूरानी (मिशन निदेशक, एएसडीएम), नरेंद्र प्रताप सिंह (एसबीआई डीजीएम) और आईसेक्ट समूह के चेयरमैन व रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे शामिल थे।
सम्मेलन में आईसेक्ट की पूर्वोत्तर प्रोफाइल और सीएसआर रिपोर्ट का विमोचन किया गया। इस रिपोर्ट ने क्षेत्र में कौशल विकास, रोजगार सृजन और समुदाय सशक्तिकरण के लिए आईसेक्ट द्वारा किए गए प्रयासों को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता केंद्र (एनसीएसडीई) द्वारा समझौता ज्ञापन आदान-प्रदान था। इस पहल ने क्षेत्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी को मजबूत किया और पूर्वोत्तर में शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया।
सम्मेलन में ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई।
कौशल और उद्योग तत्परता का भविष्य
इस सत्र में शिक्षा को उद्योग की मांगों से जोड़ने पर चर्चा की गई। वक्ताओं में बीके सिंघा, मौसमी सेन और अन्य शामिल रहे। अध्यक्षता अरविंद चतुर्वेदी और अभिषेक पंडित ने की।
वित्तीय समावेशन के माध्यम से सशक्तिकरण
इस सत्र में वक्ताओं ने उद्यमिता को बढ़ावा देने में वित्तीय सेवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता अनुराग गुप्ता और अभिषेक पंडित ने की।
एनईपी और कार्य-एकीकृत शिक्षा
इस सत्र ने शिक्षा और उद्योग के समेकन पर जोर दिया। वक्ताओं ने प्रशिक्षुता और कौशल विकास कार्यक्रमों के भविष्य पर चर्चा की।
उद्यमियों के लिए विकास के अवसर
सत्र में कौशल विकास और सफलता के मार्ग पर चर्चा की गई। अध्यक्षता संतोष चौबे और प्रो. अमिताभ सक्सेना ने की।
आईसेक्ट के चेयरमैन संतोष चौबे ने कहा पूर्वोत्तर में हमारा काम समुदायों को सशक्त बनाने और कौशल विकास को बढ़ावा देने की यात्रा रहा है। यह सम्मेलन न केवल हमारी प्रगति का उत्सव है, बल्कि क्षेत्र की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
यह आयोजन समावेशी शिक्षा और कौशल विकास के प्रति आईसेक्ट की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उद्योग, शिक्षा और सरकार के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़कर, आईसेक्ट ने क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रगति और आत्मनिर्भरता के नए द्वार खोले हैं।
इस कार्यक्रम ने न केवल क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों को उजागर किया, बल्कि एक बेहतर भविष्य की दिशा में ठोस कदम उठाने की प्रेरणा भी दी।
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